शुगर, बीपी, मोटापा .. जैसी बीमारियां डॉक्टर खानपान से करते हैं कंट्रोल, देश के इस अस्पताल में खास ओपीडी, जानें सबकुछ
डायबिटीज, हाई बीपी, फैटी लिवर और मोटापा ये ऐसी बीमारियां हैं
जिनके होने का मुख्य कारण गलत खानपान और लाइफस्टाइल है. इन बीमारियों को
कंट्रोल करने के लिए मरीज कई तरह की दवाएं खाते हैं, लेकिन दिल्ली के एक
सरकारी अस्पताल में मरीजों की बीमारियां खानपान और लाइफस्टाइल के जरिए
कंट्रोल की जा रही है.
दिल्ली में तिलक नगर के रहने वाले 45 साल के सुनील वर्मा को बीते कुछ
महीनों से बार- बार यूरिन आना, ज्यादा प्यास लगना और वजन कम होने जैसे
लक्षण शरीर में दिख रहे थे. उन्होंने घर के पास एक फिजिशियन से अपनी जांच
कराई. जहां डॉक्टर ने उनका HbA1c टेस्ट लिखा. एक दिन बाद टेस्ट की रिपोर्ट
आई तो इसमें पता चला कि सुनील का HbA1c लेवल 5.7 % है. इसका मतलब होता है
कि भविष्य में डायबिटीज हो सकती है. डॉक्टर ने टेस्ट की रिपोर्ट देखकर शुगर
लेवल कंट्रोल करने की कई दवाएं लिख दी, सुनील ने ये दवाएं खाने लगे और
उनका शुगर लेवल कम हो गया.
कुछ दिनों बाद वह अपने किसी परिचित को देखने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल
गए. वहां परिचित लाइन में लगे थे और सुनील बाहर खड़े थे. तभी उन्होंने किसी
से पूछा कि क्या यहां शुगर लेवल चेक हो सकता है, तो वहां मौजूद गार्ड ने
उनको कहा कि आप न्यू ओपीडी ब्लॉक के कमरा नंबर 104 में चले जाएं. सुनील
वहां गए और बिना किसी पूर्व रजिस्ट्रेशन या लंबी लाइन में लगे बिना ही उनका
यहां शुगर लेवल चेक हो गया. शुगर चेक करने वाले डॉक्टर ने बताया कि जहां
सुनील आए हैं इस विभाग का नाम प्रिवेंटिव हेल्थ एंड स्क्रीनिंग ओपीडी है. जहां डॉक्टर खानपान और लाइफस्टाइल के जरिए बीमारियों को कंट्रोल करते हैं.
यहां के डॉक्टरों नेअनिल को खानपान में कुछ बदलाव करने और रोज एक्सरसाइज
करने की सलाह दी. करीब डेढ़ महीने तक उन्होंने डॉक्टरों की सलाह के हिसाब
से सब कुछ दिया और उनको शुगर लेवल कंट्रोल हो गया. चूंकि फिलहाल उनको
डायबिटीज नहीं थी तो बिना दवा के ही शुगर कंट्रोल भी हो गया.
मरीजों के सामने खाली की थाली रखकर देते हैं जानकारी
सफदरजंग अस्पताल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर इस क्लीनिक के हैड हैं.
वह Tv9 से बातचीत में बताते हैं कि बीते कुछ सालों से भारत में हार्ट
डिजीज, डायबिटीज, लिवर डिजीज और मोटापे से संबंधित बीमारियां के मामले तेजी
से बढ़ रहे हैं. इसका कारण खराब खानपान और लाइफस्टाइल है.
डॉ किशोर कहते हैं कि हमारी दो कोशिशें हैं. पहली ये है कि इन बीमारियों
को होने से रोका जाए. यह तब हो सकता है जब लोग अपनी डाइट सही रखें और रोज
एक्सरसाइज करें. इसके लिए हम ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों को उनकी समस्या
के हिसाब से डाइट और एक्सरसाइज बताते हैं. अगर किसी का शुगर लेवल बढ़ा हुआ
है तो उसके सामने खाने की थाली रखकर बताते हैं कि क्या चीजें खानी चाहिए
और क्या नहीं. इसी तरह मोटापे से पीड़ित लोग, फैटी लिवर के मरीज और हाई
बीपी का शिकार लोगों को भी डाइट के बारे में बताया जाता है.

प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर
दवाओं की डोज कर दी जाती हैं कम
डॉ किशोर बताते हैं कि कई मरीज ऐसे भी आते हैं जिनको बाहर के डॉक्टरों
ने गैर जरूरी दवाएं लिख रखी है. यानी अगर एक मेडिसिन से काम चल सकता है तो 4
दवाएं लिख दी जाती है. सफदरजंग के इस क्लीनिक में ऐसे मरीजों की दवाओं की
डोज कम की जाती हैं और उनको खानपान पर फोकस करने की सलाह देते हैं.
नशा न करने के लिए भी किया जाता है जागरूक
इस क्लीनिक में मरीजों को तंबाकू और शराब छोड़ने के लिए सामुहिक परामर्श
भी दिया जाता है. समुह में लोग खुल कर बात कर लेते हैं. नशे को छोड़ने की
विधि भी बताई जाती है.

(ओपीडी में मरीज)
इस तरह की डाइट की दी जाती है सलाह
डॉ किशोर कहते हैं कि अगर किसी मरीज को हाई बीपी की समस्या है तो उसे
नमक और मसालेदार भोजन कम करने की सलाह दी जाती है और रोज कम से कम एक घंटा
एक्सरसाइज करने को कहा जाता है. इसी तरह अगर किसी मरीज को फैटी लिवर की
समस्या है तो उनको मैदा और फास्ट फूड न खाने को कहा जाता है.
ओपीडी में मौजूद डॉक्टर डाइट के बारे में पूरी जानकरी देते हैं. सभी
मरीजों को नियमित रूप से फॉलोअप भी किया जाता है. इससे यह पता चलता है कि
खानपान में बदलाव को उनकी बीमारी पर कैसा असर हो रहा है. मरीज सब भी आते
हैं तो उनके पुराने मेडिकल रिकॉर्ड की जानकारी ली जाती है. मरीजों के सभी
टेस्ट किए जाते हैं और उनके खानपान से लेकर लाइफस्टाइल के बारे में पूछा
जाता है. इसके हिसाब से उनकी डाइट तय होती है.
डॉ किशोर बताते हैं कि ओपीडी में आने वाले कई मरीज ऐसे हैं जिनकी बीमारियां कंट्रोल हुई हैं और दवा की डोज भी कम हुई है.

(ओपीडी में काउंसलिंग)
खानपान और लाइफस्टाइल ठीक करके बीमारियां आसानी से हो सकती हैं कंट्रोल
डॉक्टर किशोर कहते हैं कि बीमारियों से बचने के लिए सबसे जरूरी यही है
कि लोग अपना खानपान, लाइफस्टाइल और नींद को अच्छा रखें. इन तीन चीजों पर
फोकस करके कई तरह की बीमारियों से आसानी से बचाव किया जा सकता है. अगर किसी
व्यक्ति को हाई बीपी, डायबिटीज, फैटी लिवर और मोटापे की बीमारी है तो वह
क्लीनिक में आ सकता है.
सफदरजंग अस्पताल में न्यू ओपीडी ब्लॉक के कमरा नंबर 104 से 107 में यह ओपीडी चलती है.
https://www.tv9hindi.com/health/preventive-health-and-screening-opd-in-safdarjung-hospital-3292892.html